सैनी

6 April 2012 08:24:48 AM

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लोक सेवा के प्रतीक महिंगा सिंह सैनी
Jagran
Tue, 3 April, 2012

जागरण संवाद केंद्र, अमृतसर : भारत माता को अंग्रेजों से आजाद करवाने के लिए असंख्य वीरों ने स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया, जिसमें स्व. सरदार महिंगा सिंह सैनी का नाम उल्लेखनीय है।

महिंगा सिंह सैनी 18 मार्च 1918 को जिला गुरदासपुर के गांव नैनोकोट में चौधरी अमी चंद तथा माता काडी जी के घर पैदा हुए। उनके मन में बचपन से ही देश प्रेम की भावना थी। उन्होंने 1933 में सरकारी मिडिल स्कूल काहनूवान से आठवीं की परीक्षा पास की। उनके मन में देश की आजादी के प्रति तूफान उठता रहा। 1938 में वे फौज में भर्ती हो गए। इसके बाद वह 1942 में जर्मनी में नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा स्थापित आजाद हिंद फौज में भर्ती हो गए। उन्हें 1943 को गिरफ्तार कर लिया गया। तीन वर्षो तक फ्रांस, बेल्जियम, इंग्लैंड व असोडा कैंप, बहादुरगढ़ जेलों में रहे। 1946 में रिहा होने के बाद वह निरंतर अपने मिशन की तरफ बढ़ते रहे। 1947 में बंटवारे के दौरान सैनी ने पाकिस्तान से उजड़कर आए शरणार्थियों की बहाली के लिए काम किया। चार अप्रैल 1991 को उनका स्वर्गवास हो गया। उनके बच्चे मनोहर सिंह सैनी एडवोकेट, दर्शन कौर रानी और निर्मलजीत कौर उनके पदचिन्हों पर चलकर समाजसेवा के कार्यो में हिस्सा ले रहे हैं।

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